दुर्ग जिले का पुनर्गठन कर राज्य शासन द्वारा बनाया गया बेमेतरा जिला शिवनाथ, सुरही, हाफ और संकरी नदी के आंचल में 697 गांवों और 334 ग्राम पंचायतों के साथ दो हजार 855 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। नये जिले में सात नगरीय निकाय- नगर पालिका परिषद बेमेतरा और नगर पंचायत साजा, थानखम्हरिया, मारो, देवकर, परपोड़ी और बेरला शामिल हैं। जिले के सभी 697 आबाद गांवों का विद्युतीकरण हो चुका है।
बेमेतरा जिले में किसान लगभग दो लाख 35 हजार हेक्टेयर में खेती करते हैं। मुख्य रूप से इस जिले में धान के साथ-साथ दलहन-तिलहन, गन्ना और गेहूं की खेती हो रही है। नये जिले की कुल जनसंख्या सात लाख 95 हजार 334 है। इसमें सात लाख 21 हजार की आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है।
जिला मुख्यालय बेमेतरा से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर हाफ नदी के किनारे ग्राम बुचीपुर में चौदहवीं शताब्दी का प्रसिध्द महामाया मंदिर इस नये जिले के गौरवशाली इतिहास का साक्षी है। बेमेतरा जिले में कुल एक हजार 385 शैक्षणिक संस्थाएं संचालित हो रही है। इनमें पांच कॉलेज, 63 हायर सेकेण्डरी स्कूल, 59 हाई स्कूल, 411 मिडिल स्कूल, 845 प्राथमिक शालाएं और दो तकनीकी शिक्षण संस्थाएं शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ का बस्तर राजस्व संभाग क्षेत्रफल की दृष्टि से देश के दक्षिणी राज्य केरल सहित कई पूर्वोत्तर राज्यों से भी बड़ा है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बस्तर संभाग के इस विशाल भौगोलिक क्षेत्रफल को देखते हुए वहां वर्ष 2007 में बीजापुर और नारायणपुर जिलों का गठन किया था। उन्होंने अब वहां दो और नये जिले सुकमा और कोण्डागांव की स्थापना की है। अब इस राजस्व संभाग में जिलों की संख्या सात हो गयी है।
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