सरगुजा जिले का पुनर्गठन कर राज्य शासन द्वारा बनाए गए बलरामपुर भी छत्तीसगढ़ का एक सीमावर्ती जिला है। इसकी सीमाएं उत्तर में झांरखंड और उत्तर प्रदेश से लगती है। जिले की पूर्वी सीमा भी झारखंड राज्य से लगी हुई है, जबकि दक्षिण में छत्तीसगढ़ के ही सरगुजा और जशपुर जिले की सीमाएं इसका स्पर्श करती हैं। बलरामपुर जिले की पश्चिमी सीमा भी सरगुजा जिले से लगी हुई है।
नये बलरामपुर जिले में छह तहसीलें-राजपुर, शंकरगढ़, बलरामपुर, रामचन्द्रपुर और वाड्रफनगर शामिल हैं, जो अपने आप में विकासखंड और जनपद पंचायत भी हैं। जिले में कुल 645 गांव हैं, जिनमें आबाद गांवों की संख्या 642 है। इनमें से 623 गांवों का विद्युतीकरण भी हो चुकी है। इसके अलावा कुल 642 आबाद गांवों में से 634 गांवों में पेयजल की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है।
नवगठित बलरामपुर जिले में ग्राम पंचायतों की संख्या 340 और नगर पंचायतों की संख्या 05 है। छत्तीसगढ़ का प्रसिध्द ऐतिहासिक स्थल डीपाडीह अब नये बलरामपुर जिले में आ गया है।
पुरातात्विक महत्व का यह स्थान इस नये जिले के शंकरगढ़ विकासखंड में स्थित है। भू-गर्भ से निकलने वाले गर्मपानी के लिए प्रसिध्द तातापानी नामक स्थान भी नये बलरामपुर जिले में आ गया है। इसके अलावा यहां के अन्य दर्शनीय स्थानों में सेमरसोत और तैमोर पिंगला अभ्यारण्य, भड़िया, बैनगंगा और झरिया जल प्रपात और अर्जुनगढ़ की गुफा उल्लेखनीय है।
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