Saturday, January 14, 2012

सुकमा





शबरी नदी के तट पर स्थित सुकमा जिला न केवल बस्तर संभाग बल्कि छत्तीसगढ़ के भी दक्षिणी छोर का सबसे आखिरी जिला है। इसकी सीमाएं ओड़िशा और आन्ध्रप्रदेश से लगी हुई है। यह नया जिला पूर्ववर्ती दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा) जिले को पुनर्गठित कर बनाया गया है। नये सुकमा जिले में तीन तहसीलें छिंदगढ़, सुकमा और कोन्टा को शामिल किया गया है। 

यह नया जिला भी संघन वन प्रांतों से परिपूर्ण है। यहां के ग्राम रामाराम स्थित चिटमिटिन माता के मंदिर में हर साल वार्षिक मेले का आयोजन होता है। सुकमा जिले छिन्दगढ़ तहसील में दुरमा जल प्रपात और ग्राम नेतानार में शबरी नदी के किनारे शिव मंदिर भी दर्शनीय है। 

नवगठित सुकमा जिले के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल तीन लाख 33 हजार 530 हेक्टेयर है। इसमें 27 हजार 776 हेक्टेयर का वन क्षेत्र भी शामिल है। नये जिले में कुल 43 ग्राम पंचायतें और तीन नगर पंचायत क्षेत्र सुकमा, कोन्टा और दोरनापाल शामिल हैं। जिले में कुल एक हजार 025 बालौदा आंगनबाड़ी केन्द्रों का भी संचालन किया जा रहा है। वर्ष 2011 की जनगणना के अंतरिम आंकड़ों के अनुसार नये सुकमा जिले की कुल जनसंख्या लगभग दो लाख 49 हजार 841 है। इनमें एक लाख 22 हजार 447 पुरूष और एक लाख 27 हजार 393 महिलाएं शामिल हैं। सुकमा जिले में 725 प्राथमिक शालाओं सहित 212 मिडिल स्कूलों, 19 हाईस्कूलों, 12 हायर सेकेण्डरी स्कूलों, दो कॉलेजों, 101 आश्रम शालाओं और 25 छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है। जिले में कुल 18 साप्ताहिक हाट बाजार लगते हैं।

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